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कहीं भारी न पड़े दोस्ती बढ़ाने का जुनून…

Badlegi Duniya
Badlegi Duniya
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प्रतीकात्मक फोटो।

प्रतीकात्मक फोटो।

10वीं की स्टूडेंट जैस्मिन ने कुछ दिनों पहले फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाया। कुछ दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर बातचीत का दौर शुरू हुआ। बातों-बातों में एक दिन दोस्त अमन ने उसकी छोटी सी फ्रेंड-लिस्ट पर तंज कसा तो जैस्मिन काफी दिनों तक परेशान रही। फिर वह फेसबुक पर दोस्ती का दायरा बढ़ाने को ले अनजान लोगों को धड़ाधड़ फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने लगी। अब उसके सैकड़ों फेसबुक फ्रेंड्स थे। स्कूल की सीमित दुनिया में खोई रहने वाली जैस्मिन अब फेसबुक पर मस्ती करने लगी। उसने अपने कई प्राइवेट फोटो भी शेयर किए। लेकिन, दोस्ती का दिखावा करने वाला एक फेसबुक फ्रेंड उसके फोटो से छेड़छाड़ कर पैसों की मांग (ब्लैकमेल) करने लगा। पहले तो जैस्मिन जेब खर्च से उसकी मांग पूरी करती रही, लेकिन बाद में घरवालों के पैसों में सेंधमारी शुरू कर दी।
यह एक कहानी है फेसबुक पर फर्जीवाड़े की शिकार एक पीडि़ता की। सोशल मीडिया पर फैले ठगों के जाल में आए दिन ऐसी कई जैस्मिन फंस रही हैं। हद तो यह है कि जिन लोगों पर ऐसे फर्जीवाड़ों को रोकने की जिम्मेदारी है, वे खुद इसके शिकार बन चुके हैं। शातिरों ने मुख्यमंत्री सहित कई बड़े नेताओं व अधिकारियों तक के फेक फेसबुक अकाउंट बना लिए हैं।
बंद नहीं हुआ सिटी एसपी का फेक अकाउंट
पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे भी फेसबुक पर फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। उनके नाम पर चल रहे फेक अकाउंट से लाखों की ठगी हो चुकी है। पिछले दिनों जयपुर में ऐसे ही एक पीडि़त ने एफआइआर दर्ज कराई तो वहां की पुलिस जांच के लिए यहां आई। कुछ दिनों तक इसे लेकर हड़कंप मचा रहा, लेकिन फिर सबने चुप्पी साथ ली। सिटी एसपी का फेक फेसबुक अकाउंट अब भी उसी तरह से ऑपरेट हो रहा है।
मुख्यमंत्री को भी नहीं छोड़ा :
बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के भी फेसबुक पर दो फेक अकाउंट चल रहे हैं। कुछ महीने पहले तक इन पर लगातार अपडेट भी हो रहा था, जो फिलहाल बंद है। मुख्यमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों ने लोगों को गुमराह करने के लिए उनका फोटो भी लगाया है। इसी तरह लालू प्रसाद यादव के भी करीब आधा दर्जन फेक अकाउंट चल रहे हैं।
इसलिए बनाते हैं फेक अकाउंट :
– चर्चित व्यक्ति के नाम पर सोशल साइट पर अपनी मार्केटिंग
– लोगों को, खासकर लड़कियों को दोस्ती के नाम पर फंसाकर शोषण व ब्लैकमेलिंग
– एनजीओ और अन्य सामाजिक संगठनों के नाम पर ठगी
– आपराधिक व आतंकी गतिविधियों का संचालन
बचाव के उपाय :
– साइबर कैफे में सोशल साइट्स का सतर्क रह करें उपयोग
– महीने में एक बार जरूर बदलें पासवर्ड
– नहीं बनाएं मोबाइल नंबर, अपने या अभिभावक के नाम, वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर, डेट ऑफ बर्थ जैसे कॉमन पासवर्ड
– फेसबुक पर पब्लिक व्यू में कभी नहीं डालें निजी जीवन से संबंधित जानकारियां
– बच्चों के सोशल साइट अकाउंट्स पर रखें नजर
– घर में कंप्यूटर व लैपटॉप पर रहे सबकी नजर
– बच्चों से रखें दोस्ताना व खुला व्यवहार
– बच्चे भी बगैर झिझक बड़ों को दें किसी प्रकार के ब्लैकमेल की सूचना
ये है फर्जी प्रोफाइल के लक्षणः
एक ही प्रोफाइल फोटो : अगर अकाउंट में केवल एक प्रोफाइल फोटो हो, लंबे समय से प्रोफाइल फोटो बदला नहीं गया हो, तो अकाउंट फर्जी हो सकता है।
स्टेटस अपडेट भी बयां करता बहुत कुछ : अगर कोई अपने वॉल पर स्टेटस को लंबे समय से अपडेट नहीं कर रहा तथा किसी के वॉल पर भी कमेंट या लाइक नहीं कर रहा, तो संभव है कि वह अपनी पहचान छिपाने का प्रयास कर रहा हो। ऐसे अकाउंट फर्जी हो सकते हैं।
रिसेंट एक्टिविटी से खुलती पोल : अकाउंट में अगर अपोजिट सेक्स के दोस्त अत्यधिक हैं, अगर कोई आपके दोस्तों को लगातार ऐड कर रहा है, लगातार नए दोस्त बनाने में ही लगा है, तो अकाउंट के फेक होने की आशंका प्रबल है।
अबाउट में भी झांकें : अगर अकाउंट में स्कूल-कॉलेज, निवास व जॉब आदि की जानकारियां नहीं दी गईं हों, लेकिन डेटिंग ऑप्शन ऑन हो तो आप सतर्क हो जाएं।
डेट ऑफ बर्थ पर डालें नजर : अधिकांश फेकीज डेट ऑफ बर्थ ऐसी देते हैं, जो याद रखने में आसान हो। जैसे, 01.01.1997 या 31.12.1997 आदि।
मोबाइल नंबर भी करता सतर्क : अगर किसी लड़की के अकाउंट में उसका मोबाइल नंबर दिख रहा हो, तो आप सतर्क हो जाएं। भला कोई लड़की अपना नंबर पब्लिक में क्यों बांटेगी?
इनपर भी डालें नजर :
चर्चित व्यक्ति का अकाउंट फेसबुक से वैरिफाई किया गया होता है। उस पर हमेशा लेटेस्ट पोस्ट अपलोड होते रहते हैं। फेक फेसबुक पेज या अकाउंट की ई-मेल आइडी भी फेक होती है, जिसका अंदाजा देखकर ही लगाया जा सकता है। फेसबुक के जरिए अगर कोई व्यक्तिगत फोटो या पैसों की मांग करे तो अकाउंट फेक हो सकता है। फेक अकाउंट्स पर अपलोड होने वाले अधिकतर फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई होती है।

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